Quran aur Hadith Ki Baten In Hindi.
Hadees-O-Qur'an Pe Chalne Wale Mohatram Dosto ! Hum Aaj ki is post ke zariye aap tak types of hadees. sahabi kise kahte hain aur rawi riwayat hadees ki qimain aur in se jude baten share karunga.Dosto ! Aisi Islamic Post ke more updates keliye hamare site RBNWikipedia ko zaroor follow kijye.
हदीस शरीफ :
हुज़ूर नबी करीम ﷺ या सहाबा ताबईंन ने जो कुछ फरमाया और जो कुछ किया या किसी को कुछ कहते सुना, या कुछ करते देखा और उस पर मना-व-इनकार नहीं फरमाया | बल्कि खामोश रहे तो इन सब चीजों को मुहददिसीन कि इस्तिलाह की नजर में "हदीस" कहा जाता है इस इतिबर से हदीस की तीन किस्में हैं यानि मुहददिसीन इस्तिलाह में हदीस की तीन किस्में हैं | (1) हदीस-ए-मरफू (2) हदीस-ए-मौक़ूफ़ (3) हदीस-ए-मकतू | !
दोस्तों !
अब नीचे हर एक किस्म की तारीफ मिसाल के साथ लिखा हुआ है | आप उसे पढ़ने के बाद जरूर हदीस की इन तीनों किस्मों को आसानी से समझ जायेगे |
हदीस-ए-मरफू
वह हदीस है जो हुज़ूर नबी करीम जनाब-ए-मोहम्मद-उर-रसूल अल्लाह ﷺ तक पहुच जाए, यानी उस हदीस में यह जिक्र क्या गया हो कि हुज़ूर नबी करीम ﷺ ने ऐसा फरमाया या हुज़ूर ﷺ ने ऐसा किया या अल्लाह के हबीब मोहम्मद ﷺ के सामने लोगों ने ऐसा कहा या ऐसा किया उस को "हदीस-ए-मरफू" कहते हैं |
हदीस-ए-मौक़ूफ़
वह हदीस जो सहाबी तक पहुंचे, यानि उस हदीस में यह मजकूर हो यानि बयान किया गया हो कि मिसाल के तौर पर इब्न-अब्बास रदी अल्लाहु अनहुम ने कहा या इब्न-उमर रदी अल्लाहु अनहुमा ने किया | या इब्न-अकरमा रदी अल्लाहु अनहू ने लोगों को यह करते देखा या यह कहते हुवे सुना तो उस को "हदीस-ए-मौक़ूफ़" कहते हैं ||
हदीस-ए-मकतू
वह हदीस जो ताबई तक पहुंचे | यानी उस हदीस में यह बयान किया गया हो कि मसलन / मिसाल के तौर पर सईद-इब्न जुबैर रदी अल्लाहु अनहू ने ऐसा कहा या ऐसा किया या अकरमा रदी अल्लाहु अनहू ने लोगों को यह करते हुवे देखा या यह कहते हुवे सुना तो उस को "हदीस-ए-मकतू" कहते हैं ||
मेरे अज़ीज़ दोस्तों !
अब यहाँ दो तीन बातें हैं जिनको जानना बी-हद जरूरी है | जैसकी आप लोगों ने हदीस शरीफ का कभी मुताला किया होगा तो आपने वहाँ पर जरूर यह पढ़ा होगा, जैसकी लिखा हुआ होता (रिवयत करते हैं, इसके रावी यह हैं ) और हदीस की सनद के बारे में कुछ बातें जानेगे |
रिवयत, रावी, सनद-ए-हदीस और मतन-ए-हदीस किसे कहते हैं ?
रिवयत : हदीस नकल करना, हदीस बयान करना | इसको रिवयत कहते हैं |
रावी : हदीस नकल करने वाला, हदीस को बयान करने वाला | इसको रावी कहते हैं |
रिवयत :
हदीस नकल करना, हदीस बयान करना | इसको रिवयत कहते हैं |
रावी :
हदीस नकल करने वाला, हदीस को बयान करने वाला | इसको रावी कहते हैं |
सनद-ए-हदीस :
सनद-ए-हदीस कहते हैं हदीस नकल करने वाले रावियों का सिलसिला, जैसे इब्न-शहाब ने नकल किया उबैद-उल-अल्लाह से, उस ने हदीस नकल किया इब्न-अब्बास से, उसने हदीस नकल किया मोहम्मद ﷺ से | तो दोस्तों इसे कहते हैं सनद-ए-हदीस ||
मतन-ए-हदीस :
हदीस के अंदर जहां सनद खतम होजाये उसके बाद के अल्फ़ाज़ को "मतन-ए-हदीस" कहा जाता है ||
साहबी किसे कहते हैं ?
जिसको ब-हालत-ए-ईमान हुज़ूर मोहम्मद ﷺ की सोहबत नसीब हुवी और ईमान हई पर उस का खत्मा हुवा यानी दुनीया से इंतिक़ाल किया तो उस को साहबी कहते हैं ||
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दोस्तों ज्यादा पढ़ने केलिए नीचे !
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मोहम्मद ﷺ के अहदीस-ए-मुबारकह |
Meaningful Hadith Rasool |
ताबई किसे कहते हैं ?
आप जब कभी भी इन की तारीफ यानी ताबई किसे कहते हैं तो आप को यही तारीफ मिलेंगे ताबई कहते हैं जिस शख्स ने ब-हालत-ए-ईमान किसी साहबी से मुलाकात की और ईमान ही पर उसका खत्म हुवा तो उसको ताबई कहते हैं ||
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