Who was Imam Nasai |इमाम नसाई अलैहि रहमां कौन है ?
दोस्तों ! इमाम नसाई का नाम यह है : इमाम क़ाज़ी अबू अब्दुल रहमान अहमद बिन शोएब बिन अली नसाई है। जोकि बहुत ही जलील उल कदर और बुलंद पाया मुहद्दीस हैं। फन्ने हदीस में महारत रखते थे।
Author of Sahi nasai ?
इमाम न स ई अलैहि रहमां हदीसों की जितनी भी किताबें लिखे हैं उनमें से "Sunan Sahi nasai सुनन सही न स ई" सिहाह सित्ता मैं दाखिल है। जिसको इन छह किताबों में से पांचवें नंबर पर लोगों का मानना है।
How many students of Imam nasai?
अज़ीज़ दोस्तों ! इमाम अबू अब्दुल रहमान यानी इमाम न स ई के शागिर्दों के बारे में हजरत अल्लामा इब्न हजर असकलानी अलैहि रहमां ने यह फरमाया है कि आपके उस्ताद और शागिर्द इस कदर ज़्यादा हैं कि उनका शुमार नहीं किया जा सकता है।
How lifestyle of Imam nasai ?
दोस्तों ! हजरत इमाम न स ई अलैहि रहमां हदीस पढ़ने के दौर से हदीस पढ़ने के साथ-साथ अपने आपको गुनाहों से परहेज करते थे। और हदीस पढ़ाने व फतवा तस्नीफ के साथ-साथ आप आला दर्जे की इबादत गुजार भी थे। आप अपनी पूरी जिंदगी को "सौम-ए-दाऊदी" यानी दाऊदी के रोजे भी पावनद के साथ रखते थे। यानी 1 दिन का नागा देकर हमेशा रोजा रखते रहें।
आप की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि आप अपने जमाने के बड़े-बड़े बादशाह के दरबारों में जाना और लोगों की मुलाकातों से हमेशा परहेज करते रहते थे।
Where was Imam Nasai born.
इमाम न स ई कहां पैदा हुए ?
हजरत इमाम न स ई की पैदाइश के बारे में अक्सर हजरत में यही लिखा है जो कि मैं आपको यहां बता रहा हूं। आप इमाम न स ई 412 हिजरी में खुरासान के शहर नसा में पैदा हुए। और मिस्र के हासिद ओलामा के हाथों से बेवजह मार खाकर ज़ख्मी होकर आप मक्का मुकर्रमा चले आए। 13 सफर 313 हिंदी में आपको शहादत नसीब हुई, आपको सफा मरवा पहाड़ के दरमियान दफन किया गया। मगर यूनुस का कॉल यह है कि आप की वफात 13 सफर 313 हिजरी को फिलिस्तीन में हुई, फिर वहां से आपकी लाश मुबारका को मक्का मुकर्रमा पहुंचाई गई। (व अल्लाह हू आलम)
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