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Biography of Imam Abu Dawud || RBN WIKIPEDIA

अज़ीज़ दोस्तों ! आज की पोस्ट में RBN-WIKIPEDIA इस्लाम से जुड़ी अहम बातें जैसा कि Abu Dawud Hadith, Sunan Abu Dawood In Hindi और Who was Abu Dawud? आपको यह भी बताया जाएगा कि Is Sunan Abu Dawud authentic इमामे अबू दाऊद की जिंदगी के बारे में कि Where was Imam Abu Dawud born? कहां पैदा हुए थे। इतनी चीजों के बारे में हिंदी आसान शब्द में आप तक share क्या जाएगा। 

 

Biography of Imam Abu Dawud in hindi rbnwikipedia


Who was Abu Dawud? " इमाम अबू दाऊद कौन थे।

अज़ीज़ दोस्तों !  जैसा कि आपको पता है क्योंकि मैंने पिछले पोस्ट में इनके बारे में बता चुका है कि सिहाह ए सित्ता किसे कहते हैं। दोस्तों ! इमामे अबू दाऊद अलैहि रहमां उन अजीम हस्ती शख्सियत में शुमार किए जाते हैं जिनकी एक मक़बूल हदीस की किताब सिहाह ए सित्ता में अपना एक मुकाम हासिल कर चुकी है। यानी उन 6 किताबों में से चौथी किताब दाऊद शरीफ इमाम अबू दाऊद अलैहि रहमां की मेहनत व मुशक्कत और जुस्तजू के साथ लिखी हुई किताब है। जिनको उन्होंने बहुत मेहनत के बाद एक एक हदीस को जमा करने के बाद किताब की सूरत में पेश किया और उनका नाम सही दाऊद शरीफ रखा। 


इमाम अबू  दाऊद का नाम व नसब क्या है?

हजरत इमाम ए अबू दाऊद  अलैहि रहमां का नाम व नसब यह है : आपका नाम सुलेमान बिन अशअस बिन शद्दाद बिन उम्र है। यानी आपका नाम सुलेमान और आपके वालिद मोहतरम का नाम अशअस और आप के दादा का नाम शद्दाद और परदादा का नाम उमर है । यह है इमाम अबू दाऊद अलैहि रहमां का असल नाम। 


इमामे अबू दाऊद कहां पैदा हुए‌। Where was Imam Abu Dawud born.

इमाम अबू दाऊद अलैहि रहमां 202 हिजरी बसरा शहर में पैदा हुए, और 14 शव्वाल 275 हिजरी को बसरा शहर ही में आप इंतकाल फरमाए। आप का असल वतन बसरा ही था मगर आपने बगदाद शहर में बहुत मुद्दतों तक रहे। 

Abu Dawud Sharif hadith in hindi rbnwikipedia


इमाम अबू दाऊद हदीस के लिए कहां गए ? Where and how find  Hadees?

इमामे अबू दाऊद अलैहि रहमां आदेश पढ़ने के लिए शहर ए हज्जाज, इराक, खुरासान और जजीरा वगैरा "इत्यादि" का सफर फरमाया। और इसके अलावा शहरों में जाकर आप हजारों मुहद्दीसीन से हदीस शरीफ सुने और रिवायत भी किए (नकल करना)। जब आप इन जगह से हदीस शरीफ का दर्स ले चुके तो आप अपनी पूरी जिंदगी भर हदीस का सबक बच्चों को दर्स देते रहे। 

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अबू दाऊद के शागिर्द कितने हैं ? How many students of Imam Abu Dawood. 

दोस्तों ! आप तो ऊपर पढ़ लिए होंगे कि इमामे अबू दाऊद अलैहि रहमां हदीस के लिए कहां कहां गए हैं। अगर आप उनके शागिर्दों को गिनना चाहें या उनके नाम मालूम करना चाहेंगे तो नहीं कर सकेंगे क्योंकि अबू दाऊद ने हदीस पढ़ने के बाद अपनी पूरी जिंदगी हदीस पढ़ाने में लगा दिए इसी वजह से उनके इतने शागिर्द हैं कि उनको गिनना शुमार करना इन तिहाई दुश्वार काम है।


सुनन अबू दाऊद शरीफ // Author Of Sunan Abu Dawood.

प्यारे दोस्तों ! सुनन अबू दाऊद शरीफ यह एक ऐसी मकबूल और सही किताब है जिसको दुनिया के तमाम मुसलमान कुरान के बाद हदीसों में सिहाह ए सित्ता में से जानते हैं। Sunan Abu Dawood के लिखने वाले का नाम सुलेमान बिन अशअस बिन शद्दाद बिन उम्र है। यानी आपका नाम सुलेमान और आपके वालिद मोहतरम का नाम अशअस और आप के दादा का नाम शद्दाद और परदादा का नाम उमर है । इमामे अबू दाऊद ने हदीसों की बहुत सारी किताबें लिखे हैं लेकिन उनमें से Abu Dawood Sharif बहुत अच्छी और मकबूल किताब है। 


Abu Dawood Sharif मैं कितनी हदीसे हैं ?

इमामे अबू दाऊद 5,00,000 हदीसों में से चुनकर 4,800 अहादीस ए करीमा को अपनी किताब सही दाऊद शरीफ जमा फरमाए हैं। जो किताब सुनन अबू दाऊद शरीफ सिहाह ए सित्ता में दाखिल है। 


इमाम अबू दाऊद की जिंदगी कैसी थी ? Biography of Imam Abu Dawood in Hindi.

हजरत सुलेमान बिन अशअस यानी इमाम अबू दाऊद इतन परहेज़गार और मुक्ता की इंसान थे कि बगदाद शहर के औलिया ए किराम आपका बेहद हेतराम करते थे। बगदाद के एक मशहूर करामत वाले अल्लाह के प्यारे वली हजरत ए सहल बिन अब्दुल्लाह तस्तरी अलैहि रहमां एक दिन इमामे अबू दाऊद अलैहि रहमां की मुलाकात के लिए आए, और फरमाया कि अबू दाऊद ! आप अपनी जुबान बाहर निकालिए। मैं आपकी जुबान का बोसा लूंगा‌। क्योंकि आप इस मुबारक जुबान से हुजूर अकरम रसूले मोहतेशाम  SWL की हदीसीं बयान फरमाते हैं। चुनांचे उनके इसरार से मजबूर होकर इमामे अबू दाऊद अपनी जुबान मुंह से बाहर निकाले और सहल अब्दुल्लाह तस्तरी अलैहि रहमां निहायत प्यार के साथ इमामे अबू दाऊद की जुबान चुम ली। 

अज़ीज़ दोस्तों ! इस वाक्य से आप अंदाज़ा कर सकते हैं कि सिहाह ए सित्ता की किताबों को लिखने वाले कितने परहेज़गार और मुक्तकी होंगे। इनाम में दाऊद अपनी जिंदगी इस तरह को जा रहे हैं कि उस दौर के मशहूर अल्लाह के वली उनकी इज्जत एहतराम करते थे। जैसा कि इस वाक्य से पता चला के इमामे अबू दाऊद कितने सच्चे और अच्छे होंगे के एक अल्लाह के वली उनकी ज़ुबान को बोसा दिए हैं। 


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