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Shaban Mahine Ki Fazilat

 माह-ए-शाबान की फज़ीलत



शाबान का महीना क्या है। 

शाबान का महीना इस्लामी साल का आठवां महीना है, और यह बरकत वाले महीनों में से हैं। अल्लाह ताला ने इस महीने में अपने बंदों को नवाज़ ने और आता करने के लिए बहुत से भलाई रखी है। यही वजह है कि हर दौर में इस्लाम के हर मुसलमान भाई इस महीने की कद्र करते चले आए हैं। 



Shaban by RBN in Hindi
Shaban by RBN.




हदीस शरीफ़ 

हज़रत अनस रदि अल्लाहु अन्हु से मनक़ूल (नक़ल) किया जाता है कि सहाबा-ए-किराम शाबान का चांद देखने के बाद क़ुरआन-ए-करीम की तिलावत में लग जाते थे, और अपने मालों (रूपए पैसे दौलत) ज़कात निकालते थे। ताकि कमज़ोर मिस्कीन लोग रमज़ान शरीफ के महीने में रोज़ा रखने पर क़ादिर हो सके। उस दौर के हुक्मरान क़ैदियों को बुला कर अगर हद के नफ़ाज़ का मसअला होता तो हद नफ़िज़ कर देते, वरना उनको आज़ाद कर देते। तिजारत करने वाले लोग (Businessman) हिसाब किताब और लेन-देन के मामला से फारिग़ होने में लग जाते थे ताकि रमज़ान शरीफ का चांद देखकर अपने आप को इबादत के लिए तैयार कर सके। 
[गुनियतू-त्तालिबीन : 01/341 ]


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शाबान महीने की चंद फज़ीलतें।

शाबान नबी करीम ﷺ का महीना है : 
एक रिवायत में प्यारे नबी करीम ﷺ ने इस महीने को अपना महीना फरमाया है। चुनांचे नबी करीम ﷺ ने फरमाया शाबान मेरा महीना और रमज़ान अल्लाह ताला का महीना है।

शाबान के महीने में गुनाहों से पाक होना

रिवायत :
अल्लाह के प्यारे हबीब मक्की सरदार मदनी ताजदार अहमद मुज्तबा मोहम्मद मुस्तफा ﷺ का फरमाने आलीशान है : 
रमज़ान का महीना अल्लाह ताला का और शाबान का महीना मेरा महीना है। शाबान का महीना पाक करने वाला है और रमज़ान का महीना गुनाहों को मिटाने वाला है। 



माहे शाबान में आमाल नामा का पेश होना


मेरी प्यारे अज़ीज़ इस्लामी भाइयों ..! क्या आप जानते हैं कि हम दुनिया में जो कुछ भी करते हैं चाहे वह सही हो या गलत बुरी हो या अच्छी चीज़, यह सब अल्लाह की बारगाह में कब पेश किया जाता है..? 
रिवायत : 
हज़रत उसामा बिन ज़ैद रदी अल्लाहु ताला अन्हु से रिवायत है कि अल्लाह के प्यारे हबीब नबी करीम ﷺ इरशाद फरमाते हैं : 
रजब और रमजान के दरमियान जो शाबान का महीना है। आमतौर पर लोग इस महीने को ग़फ़लत ( यानी इस महीने को और बहनों की तरह समझ कर इसकी तरफ ध्यान नहीं देते और इस महीने की फजीलत को खो देते हैं ) हालांकि इस महीने में बंदों के आमाल अल्लाह ताला की बारगाह में पेश किए जाते हैं। 



मेरे प्यारे दोस्तों ...!

शाबान के मुतालिक ज़्यादा जानकारियां प्राप्त करने के लिए हमारी आने वाली पोस्ट को जरूर पढ़ें..! 
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खुदा हाफ़िज़ 




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