Ramzan kis mahine mein hai ?
Roza kab se shuru hai 2022.
2022 mein pahla roza kab hia .
दोस्तों ! इस्लाम का यह महिना रमजान-उल-मुबारक इस्लामी साल के 9वीं मेहीन में आता है, जिसको पूरी दुनिया रमजान के नाम से जानते हैं | लेकिन 2022 में रमजान की पहली तारीख अंग्रेजी कैलंडर के हिसाब से अप्रैल की 3 या 4 तारीख को होगी | यहाँ पर याद रखने वाली बात यह है कि इस्लामी तारीख शाम होने के बाद बदलती है यानि सूरज के डूबते ही, मगरीब की नमाज़ इस्लामी तारीख के हिसाब से दूसरी तारीख में पढ़ी जाती है |
Ramzan kitne tarikh ko hai ?
दोस्तों ! इस्लाम से जुड़े हुवे बड़े बड़े लोगों से जानकारी लेने के बाद यह बात आप तक पहुंचाई जारही है कि इस बार 2022 में जो रमजान-उल-मुबारक की पहली तारीख होगी वह है अंग्रेजी कैलंडर के मुताबिक महिना अप्रैल दिन आइतवार सूरज डूबते ही रमजान की पहले तारिक होगी | यह तो लोगों का कहिना हैं जब कि रमजान का जहांद देखा जाए |
Ramzan Ka Chaand Dekhna.
दोस्तों ! यहाँ पर आप को और एक इम्पॉर्टन्ट बात बताना चाहूँगा कि अगर चाँद आइतवार के दिन नहीं निकला और किसिने दिखा भी नहीं तो क्या करे ! क्या उसी दिन से रमजान माना जाएगा या नहीं | इस्लाम में चाँद देखने का तरीका यह है कि इस्लामी तारीख को शुमार काउन्ट करंगे 29 तारीख हो तो सब को चाहिए कि सब अपने अपने बच्चों को लेकर चाँद देखने केलिए बाहर निकलें ( क्योंकि इस्लाम चाँद देखने की फ़ाज़िलातें हैं ) और उस दिन चाँद नजर आए तो सब उस रात की सुबह को सहरी खाएं और दिन मैं रोज रखें | अगर चाँद नजर न आए तो अब 30 तारीख को चाँद नजर आए या न आए रमजान का महिना माना जाएगा और सब लोग उसी हिसाब से रोज रखेंगे |Ramzan Ki Fazilat.
माह-ए-रमजान की फ़ज़ीलत और बरकतें
इस्लामी महीनों के अंदर रमजान-उल-मुबारक का महिना अपनी खुसुसियात और फजाईल-व-बरकात की वजह से अफजल महिना की इम्तियाजी शान रखता है | जैसाकि अल्लाह के प्यारे रसूल इरशाद फरमाते हैं : कि जब रमजान आता है तो जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और दोज़ख दे दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और बुरे शर्कश शैतानों को जंजीर में कैद कर दिया जाता है | और इस महीने के शुरू के दस 10 दिन रहमत के हैं और बीच के दस 10 दिन मगफिरत के और आखिर के दस 10 दी दोज़ख से आजादी का है |
Shab-e-Baraat kya hai.
इस्लामी भाइयो ! याद रखएगा रमजान शरीफ के महीने के अंदर एक ऐसी अज़ीम वाली
बेहिसाब बरकतों और रहमतों वाली रात है जिस को जिसको लोग शब-ए-कदर की रात से जानते
हैं
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