अकल कब मुकम्मल होता है ? अकल पूरी होने का जमाना।
Aqal ka failna by RBN Raza. |
मेरे प्यारे अज़ीज़ दोस्तों ! ऊपर लिखे गए जुमलों में यह बताया गया है कि अक़ल 28 साल तक के अंदर में किसी भी चीज को अपने अंदर बहुत तेजी और आसानी से महफ़ूज़ कर लेती है। और 28 साल के आगे निकल जाने के बाद वह अक़ल की कुवत कमज़ोर पड़ जाती है।
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अकल सबसे खूबसूरत है।
हज़रत इब्ने अब्बास फरमाते हैं कि जब अल्लाह ताला ने अकल को पैदा किया तो उसे फरमाया पीछे हट जाओ ! तो पीछे हट गई, फिर फरमाया आगे आ जाओ तो आगे आ गई, अल्लाह ने फरमाया मुझे मेरे ग़लबा की क़सम मैंने तुझसे ज़्यादा खूबसूरत किसी मख़लूक को पैदा ना की।
तेरी वजह से सवाब अता करुंगा तेरी ही वजह से पकड़ुंगा तेरी वजह से आजाब दूंगा।
दोस्तों ! यहां पर जो बताया गया है अल्लाह ताला अकल की वजह से इंसान को आजाब और सजा देगा।
अक़ल की जगह कहां है। अक्ल इंसान के किस हिस्से में होता है।
इमामे हंम्बल रदी अल्लाहु अन्हु के मानने वाले अक्सर हज़रात फरमाते हैं कि अकल का महल, अकल की जगह इंसान के दिल में होता है।
और हज़रत इमाम ए शाफ़ई से भी यही मरवी है। इन लोगों की दलील कुरान शरीफ की यह आयते करीमा है जिनका सिर्फ यहां पर तर्जुमा लिखा गया है।
[ सूर-ए-हज : आयत-ए-करीमा : 46 ]
तर्जुमा : उनके दिल होते तो उनके साथ समझते।
यह कुरान शरीफ की दूसरी आयते करीमा है ।
तर्जुमा : उसमें उसके लिए नसीहत है जो दिल रखते हैं।
खुलासा :
इन तमाम लोगों का फरमान है कि इन आयते मुकद्दसा में दिल को अक़ल की जगह बताया गया है इसलिए यह दिल अक्ल का महल हुआ यानी अकल की जगह दिल है।
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