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What is called Mind. अक़ल क्या/ किसे कहते हैं।




अक़ल क्या/ किसे कहते हैं ?

Wahi is mide by RBN
Wahi is meaning of mind.


 अक़ल क्या चीज है / अक़ल किसे कहते हैं।

मेरे अजीज प्यारे इस्लामी भाइयों दोस्तों ! हम लोग इस पोस्ट के अंदर इंसान के अंदर जो सबसे बड़ी चीज अहमियत रखती है उसके मुताबिक बात करेंगे।  यानी अकल। इस्लाम के अंदर अक्ल का म काम क्या है किसे कहते हैं और इसे किस तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए इन तमाम चीजों को हम लोग जानेंगे।


अक़ल में इखतिलाफ़ात।

इस्लाम में सर्च करने वाले बड़े-बड़े इल्म वालों ने अक्ल की तहकीकात में बहुत इख़तिलाफ किए हैं।


• एक जमाअत कहती है। अकल एक उल्लूम-ए-जरूरिया की एक कीसम है। यानी दुनिया की जरूरियात को पूरी करने के लिए जो जानकारी हासिल करनी होती है अक़ल उसकी किसम है।


• एक दूसरी गिरोह के लोग कहते हैं। अक़ल एक फितरत है जिसके ज़रिए उलूम (जानकारियों) का इदराक और शुऊर (समझ बूझ) हासिल होता है।


• इलम वालों की एक दूसरी जमाअत कहती है। यह एक कुवत-व-ताकत है जिसके जरिए मालूमात के हक़ाइक़ की तफसील मालूम होती है। 


मेरे अज़ीज़ प्यारे दोस्तों ! 

आगे आने वाले contants में उर्दू के सख्त अलफाज़ इस्तेमाल हो तो आप उन्हें translate करके समझने की कोशिश करेंगे, तो आपके लिए बेहतर होगा।

• एक अलग जमाअत कहती है। अकल  यह जोहर-ए-बसीत है। 

इस्लाम में रिसर्च करने वालों की एक जमाअत कहती है। अक़ल यह शफ़ाफ़-ए-जिसम है।


• हारिस मुहासी कहते हैं। अकल एक किस्म का नूर है।

• इमाम अहमद भी फरमाते हैं कि अकल यह फितरती चीज़ है। 


 Knowledgeable Story of Mind

अल्लामा मुहासी से इस तरह की एक रिवायत नक़ल की गई है। अक्ल के मुतालिक तहकीकी बात यह है कि अकल एक फितरती चीज है। मानो  जैसा कि यह एक नूर है। जो दिल में उतारा जाता है और वह चीजों के समझने में चौकस हो जाता है। यानी वह नूर/ रोशनी चीजों के समझने में एक alert message देता है। उससे यह मुमकिनात का जवाज़ और मुहालात का मुहाल होना और अंजाम कार का इशारा पा लेता है। 

यानी उस रोशनी/अक़ल की वजह से इंसान यह पता कर लेते हैं कि दुनिया में क्या चीज मुमकिन है और क्या मुहाल है। 



मेरे अजीज मुसलमान भाइयों ! यह नूर यानी अकल कम भी होता है ज़्यादा भी। जब यह कवी (ताकतवर) हो तो इंसान अंजाम की फिकर किए बगैर अपनी ख्वाहिशों को मुकम्मल करने में जल्दबाजी करते हैं। याद रहे यह उस उम्र की बात की जा रही है जब बच्चा जवानी की दहलीज पर कदम रखता है यानी बालिग़ होने के बाद से 28 साल तक उसका कल किसी भी चीज को बहुत तेजी के साथ कैच कर लेती है। उसी दौरान हर इंसान अपने आप को खो देते हैं। 


इस उम्र में हर इंसान को चाहिए कि वह अपने आप को हिफाजत में रखें ताकि आने वाले समय में उसे कोई तकलीफ और अफसोस का सामना ना करना पड़े। 

इसे अगर आप उर्दू में पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें.....!






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