तुमने देखी ही नहीं हमारी फूलों जैसी वफ़ा।
हम जिस पर खिलते हैं उसी पर मुरझा जाते हैं।
Tumne dekhi hi nahin hamari phoolon Jaisi Wafa. Ham jis per khelte Hain usi par mar jaate Hain.
उनकी चाहत में दिल मजबूर हो गया।
जवाब ना देना उनका दस्तूर हो गया।
कसूर उनका नहीं कसूर हमारा है।
हमने चाहा ही इतना कि वह मगरूर हो गया।
Uski Chahat mein Dil majboor Ho Gaya. Jawab Na Dena uska dost dur Ho Gaya.
Kasur unka nahin Kasur hamara Hai. Humne chaha hi itna ki wah magroor Ho Gaya.
टूटे हुए लोग जब किसी से जुड़ते हैं।
तो आखिर तक साथ निभाते हैं।
क्योंकि वह जानते हैं कि मरुमियो
और तन्हाइयों के साथ जीना कितना दुश्वार होता है।
Tute hue log jab kisi Se jodte Hain. To aakhir Tak sath nibhate Hain.
Kyunki vah jante Hain Ki Marhumiyo aur aur tanhaiyon ke sath jina kitna dushwar hota hai.
हर सांस के साथ मुझे सोचा करोगे तुम।
अपने ही अक्स/साया में ढूंढा करोगे तुम।
जब याद आएंगी तुमको वफाएं मेरी।
हर शख्स को चाहत से देखा करोगे तुम।
आज मेरी तन्हाईयों पर हंस रहे हो ना तुम
मुझसे बिछड़ कर इसी बात पर रोया करोगे तुम।
Har saans ke sath mujhe socha karoge Tum. Apne hi saya mein dhundha karoge Tum.
Jab yad aaegi tumko wafayein meri. Har shaks ko Chahat ke sath dekha karoge Tum.
Aaj meri tanhaiyon per Hans rahe ho na tum. Mujhse bichad kar isi baat per Roya karoge Tum.
कोई तो हो जो घबराए मेरी खामोशी से।
किसी को तो समझ आए मेरे लहजे का दुख।
Koi to Ho Jo ghabraye meri khamoshi se. Kisi Ko to samajh aaye Mere Raja ka dukh.
मोहब्बत में हार जाने पर लोग अक्सर नसीब की बात करते हैं।
कभी खुदा से की हुई होती तो यह शिकायत ना होती।
Mohabbat mein har jaane per log Aksar Naseeb Ki baat karte Hain. Kabhi khuda Se Ki Hui hoti to yah shikayat Na hote.
क्या आपने कभी गौर किया है।
रोने के बाद नींद बहुत कमाल की आती है।
Kya aapane kabhi Gaur Kiya Hai ..!? Rone ke bad nind bahut Kamal Ki aati Hai.
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