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बगैर टोपी के वजू बनाना कैसा है ?

 



बगैर टोपी के वजू बनाना कैसा है ? 


सवाल : क्या फरमाते हैं ओलमा-ए-किराम व मुफ्तियान-ए-एज़ाम इस मस्अला के बारे में बगैर टोपी के वजू करना कैसा और टोप वगैरा पहन कर वज़ू करना सुन्नत है या मुस्ताहब या फिर कुछ और है ? हिवाला के साथ जवाब इनायत फ़रमाऐं ...!



Without cap to wash for prayer it's allowed in Islam..?

जवाब : 

इसमें कोई शक नहीं है कि टोपी लगाना सुन्नत है मगर वज़ू बनाते हैं तो समय टोपी सिर पर लगाना सुन्नत या मुस्ताहब है। ऐसा मेरी नजरों से अक्सर गुजरा है कि मैंने ओलमा-ए-किराम को वज़ू बनाते समय टोपी में भी देखा है और नंगे सिर भी देखा है। तो इससे यही पता चलता है कि वजू बनाते समय टोपी पहन सकते हैं या फिर नंगे सिर भी वज़ू बना सकते हैं। इसमें कोई हर्ज नहीं है। लेकिन सिर पर अगर टोपी है तो वज़ू के दौरान मसा करने के लिए टोपी को किसी अच्छी जगह पर रख दें। और यह भी अक्सर लोगों को देखा जाता है कि जब मसा करते तो टोपी को अपने हाथ में लेकर के उसी तरह मसा कर लेते हैं तो इस सूरत में मसा मुस्ताहब तरीका के ख़िलाफ़ होगा। 

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नबी ﷺ हर एक के कब्र में तशरीफ लाते हैं ? 


बहार-ए-शरीआत में है मसा करने का मुस्ताहब तरीक़ा यह है कि अंगूठे और कलिमा वाली उंगली के इलावा एक हाथ की बाक़ी तीन उंगलियों का सिरा वाला हिस्सा दूसरे हाथ की तीनों उंगलियों के सिर वाला हिस्सा से मिलाएं और  पेशानी के बाल या खाल पर रखकर गुद्दी तक इस तरह ले जाएंग कि  हथेलियां सिर से अलग रहे फिर वहां से हथेलियों से मसा करते हुए वापस लाएं। अब जाहिर सी बात है कि अगर टोपी को हाथ में लेकर कोई मसा करें तो कुछ उंगलियां टोपी के कपड़े से छुप जाएंगे जो कि बेहतर नहीं है और यह तरीक़ा मुस्ताहब के ख़िलाफ़ हैं।

[ बहार-ए-शरीअत, हिस्सा : 02 वह, वजू का बयान, पेज़ : 298 ]

 

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