मां के शिक्म में बच्चे के अंदर कितने दिनों रुह डाली जाती है ?
क्या फरमाते हैं ओलमा-ए-किराम व मुफ्तियान-ए-एज़ाम इस मस्अला के बारे में कि औरत के पेट में बच्चे को रूह कब फूंकी की जाती है ?
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क्या मरे हुए औरत के पेट से बच्चे को निकालना जायज़ है.!
मां के पेट में बच्चे पर रुह फूंकने के मुतअल्लिक़ सहीह बुखारी शरीफ मैं हदीस ए पक वारीद है। यहां पर अरबी नहीं लिखा जा रहा है सिर्फ तर्जुमा लिखा गया है।
जवाब : इस सवाल के जवाब में मेरे प्यारे आका करीम ﷺ की एक प्यारी हदीस ए पाक है।
तर्जुमा : सैयदना अब्दुल्ला-बिन-मसूद "रदी अल्लाहू अन्हू" से रिवायत है, उन्होंने फरमाया सच्चे मसदूक़ रसूलुल्लाह ﷺ ने इरशाद फरमाया : यक़ीनन तुम में से कोई अपनी मां के पेट में 40 दिन में नुतफ़ा की शक्ल में रहता है, फीर 40 दिन लोथड़े की शक्ल में रहता है, फिर अल्लाह ताला उसके पास चार कलिमात के साथ एक फरिश्ता भेजता है। वह फरिश्ता उसका अमल, उसकी उम्र, उसका रिज़क़ लगता है, और यह भी लिखता है कि वह नेक-बख़त है या बद-बख़त। फिर उस में रुह फूंकता है।
[ सह़ीह़ बुख़ारी शरीफ़, किताब-उल-इनसान, हदीस न० : 3036 ]
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