जिब्रइल अमीन और एक नूरानी तारा
रिवायत एक मर्तबा सैयद उल अंबिया हजूर अहमद ए मुज्तबा मोहम्मद ए मुस्तफा ﷺ ने हजरत जिब्रइल अलैहिस्सलाम से दरियाफ़्त फ़रमाया ऐ जिब्रइल तुम्हारी उम्र कितनी है ? जिब्रेल मैं अर्ज किया या रसूल अल्लाह इस ताल्लुक से मुझे कुछ मालूम नहीं। हां मैं इतना जरुर जानता हूं कि चौथे हिजाब "आसमान" में एक नूरानी तारा 70,000 वर्ष के बाद चमकता था। मैंने उस नूरानी तारा को चमकता हुआ 72 हजार बार देखा है। लक्की सरदार मदनी ताजदार हुजूर मोहम्मद ﷺ ने फरमाया कि वह नूरानी तारा मैं ही हूं।
[राहुल बयान पेज 974]
सबक़ मेरे अज़ीज़ दोस्तों ! इस्से हमें यह पता चलता है कि हमारे हुज़ूर मोहम्मद मुस्तफा ﷺ तमाम चीज़ो से पहले पैदा फरमाए गए। मेरे हुजूर ﷺ के नूर को अल्लाह ताला ने अपने नूर से उस वक्त पैदा फरमाया था जब कि ना फरिश्ते पैदा किए गए थे नाही जन्नत, दोज़ख़, हूरें, अर्श, कुर्सी यहां तक के दुनिया की कोई चीज, खुद दुनिया ना बनाई गई थी। उस वक्त मेरे आका हुजूर मोहम्मद ﷺ के नूर को पैदा फरमाया गया था।
याद रखने वाली बात।
इस दुनिया में जाहिरी तौर पर अल्लाह ताला जिस नबी को भेजा है उनका नाम हजरत ए आदम अलैहिस सलाम हैं। और बातिनी तौर पर "यानी पोशीदा, छुपी" अल्लाह ताला ने हमारे नबी हुजूर मोहम्मद ﷺ को पैदा फरमाया है। और इस दुनिया में आखरी नबी बनाकर इसलिए भेजें कि अब इनके बाद कोई नबी रसूल नहीं आ सकते।
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