फजाइले दुरूद शरीफ :
हदीस शरीफ :
हज़रत अब्दुलाह
बिन मसूद से रिवयत है कि प्यारे नबी करीम ने इरशाद फरमाया : कि कयामत के दिन लोगों
में सब से ज्यादा मेरे करीब वह शख्स होगा जिस ने सबसे ज्यादा मुझ पर दरूद भेज
होगा।
हदीस शरीफ :
हजरत
अब्दुल्लाह बिन उम्र रदी अलहू अनहू से रिवयत है फरमाते हैं कि जव एक बार प्यारे
नबी करीम पर दरूद शरीफ पढ़ात है तो अल्लाह और उसके फ़रिश्ते उस पर सत्तर 70 बार दरूद
पढ़ते हैं यानि राहमतें नजिल फरमता है॥
हदीस शरीफ :
प्यारे नबी
करीम मोहममदूर रसूलउल्लाह ने इरशाद फरमाया जो शख्स मुझ पर एक मर्तबा दरूद शरीफ
भेजेगा अल्लाह ताला उस पर दस 10 राहमतें नजिल फरमाएगा औकर उस के दस 10 गुनाह माफ
फरमाएगा और दस 10 दर्जे बलन्द फरमाएगा ॥ (नसाई शरीफ जिल्द 1 पेज 145 लाइन 18, 19)
हदीस शरीफ :हज़रत अबू होरेरा रादियालहू अनहू से मरवी है कि नबी करीम अल्लाह के प्यारे महबूब ने फरमाया : मुझ पर दरूद भेजने वाले केलिए पूल सिरात पर एक नूर होगा और जो पूलसिरत पर नूर वाला होगा वो जहननमी नहीं होगा॥ (दलाईलूलखैरात पेज 104)
हदीस शरीफ : अल्लाह के प्यारे नबी मोहामद सेयदुल अंबिया ने इरशाद फरमाया मेरे पास जिब्राइल अमीन अलहीस सलाम आए उन्हों ने कहा या रसूल अल्लाह आओप का जो उम्मती आप पर दुरूद शरीफ भेजेगा उस पर सत्तर 70 हजार फ़रिश्ते दरूद शरीफ भेजेंगे और जिस पर फ़रिश्ते दरूद शरीफ भेजें वो जन्नती है ॥
Durood sharif Hadith ki roshni mein
दुरूद शरीफ हिन्दी में
दरूद शरीफ पढ़ने से क्या होता है ?
दुरूद शरीफ कि फ़ज़ीलत हिन्दी में
हदीस शरीफ : हम सब के प्यारे आक जनाब ए मोहम्मद उर रसूलअल्लाह से मरवी है कि आप ने फरमाया : जिस ने मेरे हक कि ताज़ीम के लिए मुझ पर दरूद शरीफ भेजा अल्लाह ताला उस कौल से एक फरिश्ता पैदा फरमाता है जिस का एक पर मशरिक़ “पूरब” में है और दूसरा मग़रिब “पच्छिम” में यानि एक पूरब में एक पच्छिम में और उस के पैर सब से निचली सातवें जमीन में ठहरे हुवे हैं और उस कि गरदन अर्श के नीचे लिपटी हुई है अल्लाह ताला उसे फरमाता है मेरे बंदे पर दरूद भेज जिस तरह उस ने मेरे नबी पर दरूद भेजा है पास वो उस बंदे पर कयामत तक दरूद भेजता रहेगा ॥
हदीस शरीफ :
अल्लाह के
प्यारे हबीब नबी करीम ने इरशाद फरमाया जिस ने मुझ पर एक मर्तबा दरूद शरीफ भेज
अल्लाह ताला उस पर दस 10 मर्तबा दरूद शरीफ भेजेगा और जिस ने मुझ पर दस मर्तबा दरूद
भेज अल्लाह ताला उस पर 100 मर्तबा दरूद भेजेगा और जिस ने मुझ पर 100 मर्तबा दरूद भेजा उस पर अल्लाह ताला हजार
1000 मर्तबा दरूद भेजेगा। और जिस ने मुझ पर हजार 1000 बार दरूद भेजा अल्लाह ताला
उसका जिस्म आग पर हराम फर्मादेगा॥
हदीस शरीफ :
(दलाईल उल खैरात) अल्लाह के प्यारे रसूल फातिमा जहरा के अब्बू जान हसनैन
कारीमैन के नाना जान जनाब ए मोहम्मद उर रसूल अल्लाह ने फरमाया : जो बांदा मुकझ पर
दरूद भेजता है उसका दरूद तेजी से उस के मुंह से निकलता है फिर कोई जंगल और दरिया
समंदर पहाड़ और पूरब व पच्छिम बाकी नहीं रहता मगर वहाँ वो दरूद गुज़रता है और कहता
है मैं फलां बिन फलां का दरूद हूँ जिसे उसने अल्लाह ताला के तमाम मखलूक से अफजल
हज़रत मोहम्मद पर भेजा है जो साहिब ए इख्तियार हैं ॥
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