हज़रते आदम अलैहिस्सलाम और इबलीस का वाकिया।

मेरे प्यारे दोस्तों आप लोगों ने बार-बार यह वाक्य सुना होगा कि अल्लाह ताला ने फरिश्तों को हुक्म दिया कि सब के सब हज़रत ए आदम अलैहिस्सलाम को सजदा करें ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌जैसआ कि कुरान शरीफ के अंदर भी मौजूद है। 




अल्लाह ताला कुरान शरीफ के अंदर इरशाद फरमाता है कि "हमने तमाम  फरिश्तों को हुक्म दिया कि तुम सब के सब आदम अलैहिस्सलाम को सजदा करो...!  तो सब फरिश्तों ने सजदा किया  मगर इब्लिस सजदा से इंकार कर दिया और तब कब्बुर से अकड़ गया अल्लाह ताला के फरमाने आलीशान का इनकार करने की वजह से वह काफिर और शैतान हो गया।

 और इस हद तक अपनी मक्कारी तकब्बुर का इजहार किया कि अल्लाह ताला की बारगाह में गुस्ताखी किया। एतराज कर बैठा कि  ऐ अल्लाह..!  तूने मुझे आग से पैदा फरमाया और हज़रते ए आदम अलैहिस्सलाम को मिट्टी से पैदा फरमाया। भला आग कभी मिट्टी के आगे सर कैसे झुका सकता। इसीलिए मैं हजरत ए आदम अलैहिस्सलाम को हरगिज़ कभी भी सजद नहीं कर सकता। 


बस यहीं से हज़रते आदम अलैहिस्सलाम और इब्लिस में जंग छिड़ गई।  हक और बातिल का सबसे पहला जंग शुरू हो गया दुनिया जानती है कि हजरत ए आदम अलैहिस्सलाम और इब्लीस में कभी सुलह नहीं हुई बल्कि हमेशा से जंग जारी रही  यहां तक के हक् की फतेह मुबीन हुई।